विविध >> तांत्रिक सिद्धियाँ तांत्रिक सिद्धियाँडॉ. नारायण दत्त श्रीमाली
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लब्ध प्रतिष्ठित ताँत्रिक सम्राट डा. नारायणदत्त श्रीमाली के जीवन के महान अनुभव
कथन
मुझे प्रसन्नता है कि यह एक ऐसा ग्रंथ है, जिसकी विषयवस्तु सर्वथा मौलिक और अप्रकाशित है तथा वे साधनाएं तथा सिद्धियां, जिनके बल पर भारत संपूर्ण विश्व का सिरमौर कहा जाता है, प्रत्येक साधक की इन सिद्धियों को प्राप्त करने की लालसा रहती है। वे सिद्धियां स्पष्ट रूप में इस पुस्तक के माध्यम से पहली बार प्रकट हो रही हैं।
सिद्धियों और साधनाओं का विवरण स्पष्ट रूप से दिया गया है। इस संबंध में जो भी पत्र मुझे प्राप्त हए, मैंने बिना उनमें संशोधन किए उन पत्रों को इस पुस्तक में स्थान दिया है। अत: इन सिद्धियों की जो साधक साधना करना चाहें, वे अपने विवेक और इच्छा के अनुसार इनसे लाभ उठा सकते हैं।
साधना एक कठिन कार्य है। इसमें जो भी सिद्धियां और साधनाएं दी हैं, वे प्रामाणिक हैं, पर सफलता और असफलता के मूल में साधक का विवेक और सामर्थ्य शक्ति मुख्य रूप से प्रभावक रहती है। यदि साधक किसी साधना में असफल होता है, तो यह उसके अपने विवेक और सामर्थ्य शक्ति की न्यूनता ही कही जा सकती है। अतः साधक को पूर्णता अवश्य प्राप्त करना चाहिए।
पुस्तक में वर्णित घटनाएं कल्पना एवं यथार्थ का सुखद सामंजस्य हैं। ये डॉ. श्रीमाली के संपूर्ण व्यक्तित्व पर प्रकाश डालती हैं। अत: उनका नाम मैं अपने गुरु होने के नाते आदर व्यक्त करने के लिए दे रहा हूं। इस दृष्टि से यह पुस्तक मैं गुरु चरणों में समर्पित भाव से प्रस्तुत कर रहा हूं।
- योगी ज्ञानानन्द
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- तांत्रिक सिद्धियां